गुरुवार, 31 मई 2018

अजवायन के फायदे / अत्यंत वीर्यवर्धक एवं वाजीकरण / Benefits of Carom Seeds




Benefits of Ajwain (Carom seeds)

अजवायन को सफेद प्याज के रस मे 3 बार भिगो-सुखाकर सुरक्षित रखले। यह 10 ग्राम अजवायन, इतना ही घी और 20 ग्राम शक्कर के साथ 21 दिन तक प्रयोग करे। यह योग अत्यंत वीर्यवर्धक एवं वाजीकरण है।

अजवायन का महीन चूर्ण 3 ग्राम की मात्रा मे नित्य सुबह-शाम गरम दूध के साथ सेवन करने से रुका हुआ मासिक धर्म खुलकर होता है।

यदि शरीर के किसी स्थान पर रक्त जम जाए (गुठली सी बन जाए) तो पीसी हुई अजवायन शहद मे मिलाकर शहद मे मिलाकर लेप लगाने से रक्त पिघल जाता है।


10 ग्राम अजवाइन को 100 ग्राम पानी मे पकाकर प्रत्येक 3 घंटे के अंतराल से 15-15 ग्राम की मात्रा मे सेवन करने से मात्र 24 घंटे मे इंफ्लुएंजा (influenza) बुखार से छुटकारा मिल जाता है।

20 ग्राम अजवायन चूर्ण को 25 ग्राम दही मे मिलाकर रात्री को मुख पर लेपकर प्रातःकाल गरम पानी से धो डालने से (मात्र एक सप्ताह मे) झाई, कील, मुहासे नष्ट होकर मुख (चेहरे) पर एक विशेष प्रकार का निखार आ जाता है।


प्रसवोपरांत गुड और अजवायन मिलाकर नित्य प्रातःसायं सेवन करने से प्रसूता स्त्री का कटिशूल (कमर दर्द) दूर होता है, वायु शांत होती है और गर्भाशय शुद्ध हो जाता है। भूख बढ़ जाती है तथा कमजोरी नष्ट होकर शरीर बलवान हो जाता है।

अजवायन 50 ग्राम, मिश्री 75 ग्राम पीसकर सुरक्षित रखले। इसे 5-5 ग्राम की मात्रा मे दिन मे 3 बार सेवन करने से मूत्र की रुकावट दूर होकर मूत्र खुलकर आने लगता है।

कुच्छ दिनो तक नियमित रूप से अजवायन की फंकी लगाकर ताजा पानी पीने से मूत्राशय की पथरी गलकर बहार निकल जाती है।

पीसी हुई अजवायन मट्ठा के साथ कुच्छ दिनो तक नियमित रूप से बच्छे को सेवन कराने से उसके पेटके समस्त कीडे निकल जाते है।

मासिकधर्म के प्रारंभ से नित्य 8 दिन तक अजवायन और मिश्री 25-25 ग्राम को 125 ग्राम पानी मे रात्री को मिट्टी के बर्तन मे भिगोकर प्रातःकाल पीसकर पीने से तथा पथ्यमे बिना नमक की मूंग की दाल और रोटी खाने से अवश्य ही बांझपन दूर होकर गर्भ धारण हो जाता है।

50 ग्राम देसी अजवाइन को तवे पर भूनकर 50 ग्राम शहद मिलाकर सुरक्षित रखले । बच्चो को 1-1 ग्राम सुबह-शाम खिलाने से काली खांसी नष्ट हो जाती है।

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